भोपाल (आरएनएन)। शिक्षकों के लिए अगले दो माह पूरी तरह चुनौती भरे रहेंगे। मौजूदा समय में बोर्ड परीक्षाएं करवा रहे टीचरों के कंधों पर जहां मार्च में 9वीं और ग्यारहवीं की परीक्षाएं करवाने का दायित्व रहेगा। वहीं अगले अप्रैल माह में भी उन्हें मिडिल प्रायमरी के इम्तिहान करवाना होंगे। इसके साथ मूल्यांकन की जवाबदारी भी उनके कंधों पर रहेगी। पूरे मार्च माह शिक्षकों को नवीं एवं ग्यारहवीं की परीक्षाएं संपादित करवाना होंगी। अप्रैल में भी इन कक्षाओं के कुछ प्रश्न पत्रों की परीक्षाएं हैं। मौजूदा समय में चल रही दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य माध्यमिक शिक्षा मंडल एक माह से प्रारंभ करवाने जा रहा है। अप्रैल में भी मूल्यांकन का कार्य चलेगा। नवीं एवं 11वीं की कक्षाओं का मूल्यांकन भी इसी माह से शुरू होगा। अब शिक्षकों के समक्ष चुनौती यह है कि vec 3-6 अप्रैल माह में जहां मूल्यांकन का कार्य करना होगा वहीं, पांचवीं-आठवीं कक्षाओं की परीक्षाएं भी संपादित करवाना होंगी।
84 हजार बच्चे बैठेंगे परीक्षाओं में:- प्रदेश में पांचवीं एवं आठवीं की परीक्षाएं 1 अप्रैल से हो रही हैं। 10 अप्रैल तक यह परीक्षाएं चलेंगी। जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि इन परीक्षाओं में 84 हजार बच्चे शामिल हो रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जो इन परीक्षाओं की समस्त तैयारियां की जा रही हैं। सभी प्रधान अध्यापकों निर्देश दिए गए हैं कि वह बच्चों की परीक्षा तैयारियों पर पूरा फोकस करें। 1 मार्च से दसवीं-बारहवीं का मूल्यांकन:- माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव श्रीकांत बनौट का कहना है कि फरवरी तक दसवीं-बारहवीं में जितने प्रश्न पत्रों की परीक्षा हो जाएगी। उनका मूल्यांकन एक मार्च से करवाया जाएगा। सभी समन्वय केन्द्रों पर मूल्यांकन तैयारियों की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। इसके लिए पूर्व से ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मार्च में शिक्षक बोर्ड परीक्षाओं को संपादित करवाएंगे तो उन्हें मूल्यांकन का कार्य भी करना होगा।
ऑफ लाईन होंगी पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं:-
मंडला:- दो वर्ष बाद इस साल 5वीं व 8वीं की परीक्षाएं आफ लाइन बोर्ड की तर्ज पर होगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने 5वीं-8वीं की वार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया है। जारी समय सारणी के अनुसार दोनों कक्षाओं की परीक्षा एक से 9 अप्रैल तक सुबह 9 बजे 1.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र व अन्य सामग्री की सॉफ्ट कापी राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिला परियोजना समन्वयक को उपलब्ध कराई जाएगी। जिसे मुद्रित करा स्कूलों को उपलब्ध कराया जाएगा। कक्षा 5 व 8 में प्रत्येक विषय का पूर्णांक 100 अंकक का होगा। इसमें 60 अंक लिखित परीक्षा तथा 40 अंक प्रोजेक्ट कार्य के दिए जाएंगे। परीक्षा में पास होने के लिए 33 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। जो छात्र सभी विषयों में उत्तीर्ण नहीं होगे उन्हें उसी कक्षा मेंं फि र से पढऩा होगा। शिक्षा विभाग द्वारा दोनों कक्षाओं के लिए समय सारणी भी जारी कर दी गई है। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन उसी स्कूल के शिक्षक नहीं करेंगे जहां बच्चा पढ़ रहा है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस सत्र में पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा नहीं होंगी। पांचवीं और आठवीं की परीक्षा पूर्ववत ही ली जाएंगी यानि इन कक्षाओं की परीक्षा बोर्ड नहीं होकर जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशन में ही होंगी। हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन उसी स्कूल के शिक्षक नहीं करेंगे जहां बच्चा पढ़ रहा है।

मूल्यांकन केंद्रों पर मिलें सुविधाएं:-
एक मार्च से प्रारंभ हो रहे दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों ने सुविधाओं की मांग की है। समग्र व्याख्याता प्राचार्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शर्मा का कहना है कि पूर्व की तरह मूल्यांकन केंद्रों पर लस्सी एवं मठे की व्यवस्था होना चाहिए। क्योंकि गर्मी शुरू हो चुकी है। मप्र शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री क्षत्रवीर सिंह राठौर ने कहा कि गर्मी को देखते हुए मूल्यांकन केन्द्रों पर यह व्यवस्था जरूरी है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल को पत्र लिखा जाएगा। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन उसी स्कूल के शिक्षक नहीं करेंगे जहां बच्चा पढ़ रहा है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस सत्र में पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा नहीं होंगी।
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